शीघ्र विवाह के सामान्य उपाय

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1. कन्या के विवाह में हो रहे विलम्ब को दूर करने के लिए पिता को चाहिए कि विवाह वार्ता के समय कन्या को कोई नया वस्त्र अवश्य पहनाना चाहिए।
2. यदि विवाह प्रस्ताव नहीं प्राप्त हो रहे तो पिता को चाहिए कि कन्या को गुरूवार को पीला वस्त्र एवं शुक्रवार को सफेद वस्त्र पहनावें। ये वस्त्र नये हो शीघ्र फल मिलेगा। यदि 4 सप्ताह तक यह प्रयोग किया जावे तो अच्छे विवाह प्रस्ताव प्राप्त होने लग जावेगें। अतः किसी वस्त्र को दोबारा नहीं पहनाना चाहिए।
3. यदि कन्या के विवाह प्रस्ताव सगाई तय होने के अन्तिम चरण में पहुँचकर टूट जाते हैं तो माता-पिता को यह प्रयास करना चाहिए कि जिस कक्ष में बैठकर सगाई/शादी के सम्बन्ध में वार्ता की जावे उसमें वह अपने जूते चप्पल उतार कर प्रवेश करें। जूते चप्पल कक्ष से बाहर द्वार के बायीं ओर और उतारे।
4. जिस समय भी कन्या के परिजन वर पक्ष के घर प्रवेश करते समय कन्या के माता पिता अथवा अन्य व्यक्ति वह पैर सबसे पहले घर में रखना चाहिए जिस नासिका में (दायीं अथवा बायीं ओर का) स्वर प्रवाहित हो रहा हो।
5. जिस समय भी कन्या के परिजन वर पक्ष से विवाह वार्ता के लिए जावे उस समय कन्या अपने बालों को खोले रखे तथा उनके लौटकर आ जाने के समय तक खोले रखें, न तो जूड़ा और न ही चोटीं बनायें। कन्या को चाहिए कि अपने परिजनों को विवाह वार्ता के लिए प्रस्थान करते समय प्रसन्नता पूर्वक उन्हें मिष्ठान खिलाकर विदा करें।
6. विवाह योग्य युवक-युवतियों को जब भी किसी विवाह उत्सव में भाग लेने का अवसर मिले तो लड़के या कन्या को लगाई जाने वाली मेंहदी में कुछ मेंहदीं लेकर अपने हाथों पर लगाना चाहिए।
7. शाीघ्र विवाह के लिए कन्या को 16 सोमवार का व्रत करना चाहिए तथा प्रत्येक सोमवार को शिव मन्दिर में जाकर जलाभिषेक करें, माँ पार्वती का श्रृंगार करें, शिव पार्वती के मध्य गठजोड़ बाँधे तथा शीघ्र विवाह के लिए प्रार्थना करें। विवाह प्रस्ताव आने प्रारम्भ हो जावेगें।
8. वर की कामना पूर्ति हेतु कन्या को निम्न मंत्र का शिव-गौरी पूजनकर एक माला का जप करना चाहिए।
’’ ऊँ नमः मनोभिलाषितं वरं देहि वरं ही ऊँ गोरा पार्वती देव्यै नमः ’’
9. रामचरित मानस के बालकाण्ड में शिव पार्वती विवाह प्रकरण का नित्य पाठ करने से कन्या का विवाह शीघ्र होता देखा गया हैं।
10. विवाह अभिलाषी लड़का या लड़की शुक्रवार के दिन भगवान शंकर पर जलाभिषेक करें तथा शिव लिंग पर ’’ ऊँ नमः शिवाय ’’ बोलते हुए 108 पुष्प चढ़ावें शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें साथ ही शंकर जी पर 21 बीलपत्र चढ़ावें ऐसा कम से कम 7 शुक्रवार करें, शीघ्र विवाह/शादी के प्रस्ताव आने प्रारम्भ हो जायेगें।
11. गुरूवार के दिन विष्णु लक्ष्मी मन्दिर में कंलगी जो सेहरे के ऊपर लगी रहती हैं चढ़ावें, साथ ही बेसन के 5 लड्डू चढावें, भगवान से शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें विवाह का वातावरण बनना प्रारम्भ हो जावेगा ।
यह उपरोक्त बड़े सरल टोटके हैं इन्हें कोई भी विवाहकांक्षी श्रद्धा एवं विश्वास के साथ करता हैं तो सफलता मिलती हैं । लड़की की शादी शीघ्र होती हैं ।
यदि उपरोक्त टोटके करने के पश्चात भी यदि विवाह सम्पन्न नहीं हो पाता हैं । कुण्डली में विवाह बाधा योग हो तो निम्न तांत्रिक प्रयोग करना चाहिए ।
कामदेव रति यंत्र:-
विवाहकांक्षी लड़का या लड़की कामदेव रति यंत्र प्राप्त करें । नित्य प्रातःकाल उठकर स्नानकर सूर्य को 7 बार अर्ध्य देवे और फिर आसन बिछा कर बैठे । सामने किसी बाजोंट पर स्वच्छ नया वस्त्र बिछाकर कामदेव रति यत्र को स्थापित करें । यंत्र का पंचामोउपचार से पूजन करें । हकीक माल से निम्न मंत्र का सवालाख जप करें । यदि श्रद्धा और विश्वास के साथ जप किया जावे तो जप समाप्ति पर अच्छे प्रस्ताव आने प्रारम्भ हो जाते हैं ।
‘‘ ऊँ कामदेवाय विदमहे रति प्रियायै धीमहि तन्नो अॅनंग प्रयोदयात ‘‘।
विवाह बाधानिवारण यंत्र:-
जिनके पुत्र-पुत्रियों की उम्र विवाह योग्य हो, विवाह में अनावश्यक विलम्ब हो रहा हो । सगाई टूट जाती हो अथवा कुण्डली में विवाह बाधा योग हो तो उन्हे निम्न तांन्त्रिक प्रयोग सम्पन्न करना चाहिए, शीघ्र विवाह होता हैं । यह प्रयोग किसी मंगलवार को आरम्भ किया जा सकता हैं । इस प्रयोग को लड़का या लड़की स्वयं करें या माता-पिता या किसी पण्डित से संकल्प लेकर करवाया जा सकता हैं ।
इस प्रयोग के निम्न उपकरण जो प्राण प्रतिष्ठित हो वांछनीय हैं ।
1. सौभाग्य माला 2. विवाह बाधा निवारण यंत्र
प्रातः स्नान करने के पश्चात यंत्र को बाजोट पर वस्त्र बिछाकर स्थापित करें । यंत्र को प्रथम दुध से फिर जल से स्नान करावे तथा स्वच्छ वस्त्र से यंत्र को पोछकर, केसर से यंत्र को तिलक करें, अक्षत, पुष्प यंत्र को साथ में अर्पित करें ।
गुरू पूजन करें तथा गुरू से अनुष्ठान सफल के सम्बन्ध में प्रार्थना अवश्य करें । दाहिने हाथ में जल, अक्षत, पुष्प लेकर संकल्प बोले (यह साधना विवाह बाधा निवारणार्थ शीघ्र विवाह हेतु सम्पन्न कर रहा हूॅ ) निम्न मंत्र की सौभाग्य माला से 11 मालाएं 21 दिन तक जन करें, क्रम टूटना नहीं चाहिए । 21 दिन के पश्चात यंत्र और माला को बहते जल में या नदी में प्रवाहित कर दें । विवाह बाधाएं समाप्त होगी ।
‘‘ ऊँ हो कामदेवाय रत्यै सर्व दोष निवारणाय फटं् ‘‘
दर्गासप्तशती का पाठ:- पुत्र की शादी नहीं हो रही हो, शादी में रूकावटें आ रही हो तो दुर्गासप्तशती का पाठ निम्न मंत्र का सम्पुट लगाकर करें ।
‘‘ पत्नि मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीय ।
तारिणिं दुर्गासंसार सागरस्य कुलोद्भणामं ।।
यह पाठ स्वयं विवाहकांशी ही करें तो श्रेष्ठ रहेगा, विवाह प्रस्ताव आने प्रारम्भ हो जावेगें । विवाह योग्य कन्या को भवन के वायव्य कोण वाले कक्ष में सोना चाहिए इससे कन्या के विवाह में आने वाली रूकावटें स्वतः दूर होती हैं तथा कन्या का विवाह जल्दी होने की सम्भावना बनती हैं ।

Posted by Taani on Monday, May 16th, 2011. Filed under Life Style, Relations. You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0. You can skip to the end and leave a response. Pinging is currently not allowed.

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